भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया है. लेकिन कुछ दिन तक चली दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई में ये तो पता चल गया कि भारत का नंबर 1 दुश्मन और दोस्त कौन से देश हैं. इसमें साफ तौर से दिख रहा था कि तुर्की पाकिस्तान को सबसे ज्यादा सपोर्ट कर रहा है. उसने भारत के खिलाफ पाकिस्तान को हथियार से लेकर तमाम मदद पहुंचाई है और पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने के लिए तुर्की के ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था. ऐसे में अब भारत में तुर्की को लेकर विरोध शुरू हो गए हैं.
आने वाले समय में मांग घटने की भी उम्मीद
भारत में तुर्की, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों की बॉयकॉट शुरू हो गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि हर साल भारत से लाखों की संख्या में पर्यटक तुर्की और अजरबैजान हर साल जाते हैं. इतना ही नहीं, भारत में तुर्की के बहुत सारे सामान भी आते हैं. जिसकी ब्रिकी भी यहां काफी ज्यादा होती है. लेकिन आने वाले समय में इसकी मांग घटने की भी उम्मीद है. आज हम आपको इस खबर के माध्यम से ये बताने जा रहे हैं कि भारत में तुर्की का क्या-क्या समान आता है.
बता दें, भारत में तुर्की से तुर्की कालीन, फर्नीचर, टर्किश कालीन, मोज़ेक आर्ट और पारंपरिक टाइल्स, हाथ से बनी सजावटी वस्तुएं भी भारत में आयात की जाती हैं. फैब्रिक, सिल्क, लिनन, जैतून का तेल, सूखे मेवे (जैसे बादाम, अखरोट), चेरी, मसाले और हर्बल और कुछ विशेष पेय पदार्थ भी आते हैं, जिनकी मांग खासकर शहरी इलाकों में अधिक है. तुर्की से भारत में कई प्रकार की इंडस्ट्रियल मशीन, निर्माण इक्विपमेंट और कृषि उपकरण आयात किए जाते हैं. इनका इस्तेमाल निर्माण, उत्पादन और कृषि में होता है.
दोनों देशों के बीच व्यापार
आपको बता दें, वित्त वर्ष 2023-24 में तुर्की के साथ भारत का व्यापार कुल 10.43 अरब डॉलर था, जिसमें निर्यात कुल 6.65 अरब डॉलर और आयात 3.78 अरब डॉलर रहा है. तुर्की को भारत द्वारा किए जाने वाले निर्यात में मशीनरी, पत्थर, प्लास्टर, लोहे और स्टील, तिलहन, अकार्बनिक रसायन, कीमती पत्थर, ताज़े सेब आदि शामिल थे.
वहीं, भारत से निर्यातित मुख्य वस्तुओं में खनिज तेल, फ्लैट स्टील उत्पाद, प्लास्टिक, कार्बनिक रसायन और कपास व कपड़े प्रमुख रहे. हालांकि फरवरी 2024 और फरवरी 2025 के बीच भारत का निर्यात और आयात तुर्की से घटा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत इस दौरान तुर्की को निर्यात 9.7 मिलियन डॉलर घटकर 470 मिलियन डॉलर से 461 मिलियन डॉलर पर आ गया. तुर्की से आयात भी 232 मिलियन डॉलर घटकर 375 मिलियन डॉलर से 143 मिलियन डॉलर पर आ गया.